I am not very good at expressing my feelings in hindi (doesn't mean I am good in english) but I thought of trying my hand at it and came out with this. Hope its not as bad I think it to be.
कभी बैठे बैठे सोचती हूँ ,
की यूँ बदल जाये मेरी ज़िन्दगी,
जो सपने संजोये थे आँखों में,
हकीकत बन जाये मेरी |
जब कभी सोचूं तुम्हारे बारे में मैं,
तुम यूँ मुस्कुरा दो मेरे सामने,
की सारे दर्द भुला कर मैं,
गले लगा लूँ तुम्हे |
कभी बैठे बैठे सोचती हूँ,
की बादल की चादर ओढ़े ये तारे,
आँखों में मेरी बस जाये,
खिलखिलाता हुआ सा ये जीवन,
सिर्फ एक ख्वाब न रह जाये |
दोस्तों के दरमियान गुज़रे थे जो पल,
वो वापस आकर मेरे दामन में समां जाये |
कभी बैठे बैठे सोचती हूँ,
की ये मुस्कुराते हुए फूल,
कभी न मुरझाये,
किये थे जो वादे सब से वो हम निभाए |
परिवार से दूर रहने का डर मुझे ना सताए,
माँ-बाप का प्यार मेरा आँचल बन जाये |
कभी बैठे बैठे सोचती हूँ,
क्यूँ ये आंसूं रुकते नहीं,
क्यूँ ये दर्द मिटता नही,
क्या इन्हें इंतज़ार है किसी अपने का?
हाँ, शायद क्यूंकि कोई मुझे समझता नही |
चल पड़ी हूँ मैं अनजानी राहों पे,
क्या लिखा है तकदीर में बेखबर हूँ मैं,
फिर भी चलती जा रही हूँ,
मन में विश्वास लिए और दिल में अपनों का प्यार लिए |
कभी बैठे बैठे सोचती हूँ ,
की यूँ बदल जाये मेरी ज़िन्दगी,
जो सपने संजोये थे आँखों में,
हकीकत बन जाये मेरी |
जब कभी सोचूं तुम्हारे बारे में मैं,
तुम यूँ मुस्कुरा दो मेरे सामने,
की सारे दर्द भुला कर मैं,
गले लगा लूँ तुम्हे |
कभी बैठे बैठे सोचती हूँ,
की बादल की चादर ओढ़े ये तारे,
आँखों में मेरी बस जाये,
खिलखिलाता हुआ सा ये जीवन,
सिर्फ एक ख्वाब न रह जाये |
दोस्तों के दरमियान गुज़रे थे जो पल,
वो वापस आकर मेरे दामन में समां जाये |
कभी बैठे बैठे सोचती हूँ,
की ये मुस्कुराते हुए फूल,
कभी न मुरझाये,
किये थे जो वादे सब से वो हम निभाए |
परिवार से दूर रहने का डर मुझे ना सताए,
माँ-बाप का प्यार मेरा आँचल बन जाये |
कभी बैठे बैठे सोचती हूँ,
क्यूँ ये आंसूं रुकते नहीं,
क्यूँ ये दर्द मिटता नही,
क्या इन्हें इंतज़ार है किसी अपने का?
हाँ, शायद क्यूंकि कोई मुझे समझता नही |
चल पड़ी हूँ मैं अनजानी राहों पे,
क्या लिखा है तकदीर में बेखबर हूँ मैं,
फिर भी चलती जा रही हूँ,
मन में विश्वास लिए और दिल में अपनों का प्यार लिए |
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